साइन इन क्या है और साइन इन का मतलब क्या होता है।
दोस्तों साइन इन क्या है और साइन इन का मतलब क्या होता है आज हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे और आपको बताएंगे कि साइन इन क्या होता है और बेसिकली इसका क्या यूज़ है।
अगर आप इंटरनेट का यूज करते हैं और आप अपने कंप्यूटर या स्मार्टफोन में वेबसाइट या फिर एप्लीकेशन का उपयोग करते हैं तो कहीं न कहीं आपने इस बर्ड का सामना किया होगा। अगर आपको साइन इन का सही अर्थ पता नहीं है तो आपको शायद कभी भी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर या फिर वेबसाइट का प्रयोग करने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
साइन इन क्या है और साइन इन का मतलब क्या होता है।
साइन इन एक प्रकार का word है जिसका उपयोग वेबसाइट या फिर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को access करने के लिए किया जाता है।
साइन इन क्या है ?
जब भी आप इंटरनेट यूज करते हैं और अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में किसी सॉफ्टवेयर को फर्स्ट टाइम यूज करते हैं उस समय आप से आपकी कुछ पर्सनल डिटेल्स आपसे मांगी जाती है जैसे कि आपका नाम आप की जन्म तिथि आपका मोबाइल नंबर और एक पासवर्ड इत्यादि इसे हम यूजर Id कहते हैं। जब कभी आप उस सॉफ्टवेयर से sign out हो जाते हैं तब आपको उसे दोबारा एक्सेस करने के लिए साइन इन करना पड़ता है अर्थात जो personal जानकारी आपने उस सॉफ्टवेयर को यूज करने के लिए डाली थी जैसे कि आपका मोबाइल नंबर आपका नाम आप की जन्मतिथि पासवर्ड इत्यादि यही जानकारी आप को साइन इन करने के लिए देनी होती है।
ज्यादातर कई वेबसाइट या एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर आपसे साइन इन करने के लिए आपकी ईमेल Id और पासवर्ड मांगते हैं। ऐसी वेबसाइट जो साइन इन के लिए आपसे आपकी ईमेल id और पासवर्ड मांगते हैं तो सिंपली आपको साइन इन करने के लिए अपनी ईमेल Id को और पासवर्ड को डाल देना है डालने के बाद साइन इन पर क्लिक कर देना है अब आप इस वेबसाइट का या एप्लीकेशन का आसानी से प्रयोग कर सकेंगे।
साइन इन क्या है?
साइन इन का मतलब प्रोग्राम को access करना होता है साइन इन करने के लिए आपको अपनी यूजर id डालनी होती है। यूजर id में आपका नाम आपका पासवर्ड या फिर आपका मोबाइल नंबर हो सकता है यह निर्भर करता है की कोई वेबसाइट या सॉफ्टवेयर आपसे साइन इन कराने के लिए क्या मांगता है ज्यादातर अवस्था में आपका नाम या आपका मोबाइल नंबर और आपका पासवर्ड मांगा जाता है।
साइन इन क्या है?
दोस्तो साइन इन का प्रयोग उन वेबसाइट में किया जाता है जिनमें आपको वेबसाइट को access करने की लिए एक अकाउंट बनाना पड़ता है।
दोस्तों इंटरनेट पर बहुत सी ऐसी वेबसाइट है जिन्हें यूज करने के लिए हमें अकाउंट नहीं बनाना पड़ता है। जैैसे आप मेरी ही वेबसाइट को ले लीजिए और ndtv.com और www.quora.com ये ऐसी वेबसाइट है जहां आपको अकाउंट नहीं बनाना पड़ता है।
इंटरनेट पर बहुत सी ऐसी वेबसाइट है जिन्हें यूज करने के लिए हमें अकाउंट बनाना पड़ता है। जैसे gmail.com ,flipkart, amazon.com इन वेबसाइट पर अकाउंट बनाते समय आपको अपनी पर्सनल जानकारी देनी पड़ती है जैसे आपका मोबाइल नंबर आपका नाम और एक पासवर्ड क्रिएट करना पड़ता है। तो जब कभी आप इन वेबसाइट से साइन आउट हो जाते हैं तो आपको साइन इन करने के लिए आपको वही जानकारी देनी पड़ती है जो आपने पहली बार वेबसाइट को access करने के लिये दी थी।
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साइन इन क्या है ? |
साइन इन क्या है इसका उदाहरण।
मान लीजिए आपने 1 gmail.com पर जीमेल id बनाई है तो जीमेल id बनाते समय gmail.com को gmail id बनाते समय क्या क्या प्रक्रिया की थी आपने उसमें अपना नाम अपना मोबाइल नंबर और एक पासवर्ड क्रिएट किया होगा। अब अगर आप gmail.com से किसी कारणवश साइन आउट हो जाते हैं तो आपको साइन इन करने के लिए वही आपकी यूज़र id डालनी पड़ेगी जो आपने पहली बार gmail.com को access करने के लिए डाली थी।
Deffrent between sign in and login.
1_Sign in👇
दोस्तो अगर बात करें साइन इन की तो साइन इन जिस भी वेबसाइट में प्रयोग किया जाता है तो वहां पर वह वेबसाइट आप के आंकड़े नहीं देखती है मतलब साइन इन वाली वेबसाइट में आपकी इंफोर्मेशन को ट्रैक नहीं किया जाता है। मतलब आप साइट पर किसको लाइक कर रहे हैं किसको कमेंट कर रहे हैं और किसी आर्टिकल को कितनी देर तक पढ़ते हैं यह जानकारी ऐसी वेबसाइट ट्रैक नहीं करती है। एग्जांपल के रूप में हम gmail.com को ले लेते हैं gmail.com में आप किसी को मैसेज कर रहे हैं ये तो स्टोर किया जाता है लेकिन आप मैसेज को कितनी देर पढ़ते हैं और मैसेज को पसंद या नापसंद करते हैं इसकी जानकारी को स्टोर नहीं किया जाता है।
2_ Login👇
लेकिन लॉगिन जिस भी वेबसाइट में प्रयोग किया जाता है वह वेबसाइट आपकी जानकारी को ट्रैक करती रहती है मतलब साइट पर आप क्या कर रहे हैं किसको लाइक कर रहे हैं किसको कमेंट कर रहे हैं कितनी देर आर्टिकल पढ़ रहे हैं अर्थात साइड पर होने वाली आपके द्वारा सभी गतिविधियों को स्टोर करके रखा जाता है।
एक्जांम्पल से रूप में हम facebook.com को ले लेते हैं इस वेबसाइट में लॉगिन का उपयोग किया जाता है इसलिए यह वेबसाइट आपकी सभी एक्टिविटीज को स्टोर करके रखती है मतलब कब आप किससे चैटिंग करते हैं किसको लाइक करते हैं और किसको डिस लाइक करते हैं यह सभी जानकारियां लॉगिन करने वाली वेबसाइट में स्टोर करके रखी जाती हैं।
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